पाठ 3 गिल्लू

दो-तीन वाक्यों में उत्तर लिखिए :

1.  लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था ?
उत्तर : लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू लेखिका के पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता । उसका यह क्रम तब तक चलता, जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए न उठती ।

2.  महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए वह कहाँ-कहाँ छिप जाता था ?
उत्तर : महादेवी वर्मा को चौंकाने के लिए गिल्लू कभी फूलदान के फूलों में, कभी परदे के चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में छिप जाता था।

3.  लेखिका को गिलहरी किस स्थिति में दिखायी पड़ी ?
उत्तर : लेखिका को गिलहरी इस स्थिति में दिखायी पड़ी कि गमले और दीवार की संधि में एक छोटा सा गिलहरी का बच्चा निश्चेष्ट-सा गमले से चिपका पड़ा था। सम्भवत: वह घोंसले से गिर पड़ा था, जिसे दो कोए  अपना आहार बनाना चाह रहे थे।

4.  लेखिका ने गिल्लू के प्राण कैसे बचाये ?

      गिल्लू ने महादेवि वर्मा की अस्वस्थाता में उनका खयाल कैसे रखा APR 19
उत्तर : लेखिका ने गिलहरी को हौले से उठाकर कमरे में लाया, फिर रुई से रक्त पोंछकर घावों पर पेंसिलिन का मरहम लगाया। कई घंटे के उपचार के बाद उसके मुँह में एक बूँद पानी टपकाया जा सका।

5.  गिल्लू ने लेखिका की गैरहाजरी में दिन कैसे बिताये ?
उत्तर : गिल्लू लेखिका की गैरहाजरी में उदासर हता था। अपना प्रिय खाद्य काजू कम खाता था। लेखिका के घर आने तक गिल्लू अकेलापन महसूस कर रहा था ।

6. "गिल्लू " पाठ से क्या सीख मिलती है ? Or "गिल्लू " पाठ का आशय क्या है?

 गिल्लू पाठ से स्नेहभाव तथा प्राणी दया की सीख मिलती है।

पशु-पक्षियों के स्वभाव, उनकी जीवन शैली के बारे में जानकारी मिलती है।

पशु-पक्षी, हमारी तरह कभी कभार हमसे भी अधिक भावानुकूल, सहृदय व्यवहार और विचारवान होते हैं।

पशु-पक्षियों के प्रति महादेवी वर्मा के प्रेम से हम परिचित होते हैं।

साथ-साथ पशु-पक्षियों की रक्षा करना और उनके पति प्रेम-भाव जगाने की सीख मिलती है ।


चार-छ: वाक्यों में उत्तर लिखिए :

1.   लेखिका ने गिलहरी को क्या-क्या सिखाया ?
उत्तर : लेखिका ने गिल्लू को लिफाफे में बैठना सिखाया। जब लेखिका खाना खाने बैठती तब गिल्लू उनकी थाली में बैठ जाना चाहता था। बड़ी कठिनाई से लेखिका ने उसे थाली के पास बैठना तथा उसमें से एक-एक चावल उठाकर खाना सिखाया। इस प्रकार लेखिका ने गिलहरी को अपने प्रति सही व्यवहार करना सिखाया।

2.   गिल्लू के अंतिम दिनों का वर्णन कीजिए ।
उत्तर : गिलहरियों के जीवन की अवधि दो वर्ष से अधिक नहीं होती, अत: गिल्लू की जीवन-यात्रा का अंत आ ही गया। दिन भर उसने न कुछ खाया, न बाहर गया। पंजे इतने ठंडे हो रहे थे कि मैने हीटर जलाकर उसे उष्णता देने का प्रयत्न किया। परंतु प्रभात की प्रथम किरण के साथ ही वह चिर निद्रा में सो गया।

3.   गिल्लू के कार्य-कलाप के बारे में लिखिए।
उत्तर : महादेवी वर्मा जी का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू उनके पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और फिर उसी तेजी से उतरता रहता था । लेखिका को चौंकाने के लिए गिल्लू कभी फूलदान के फूलों में, कभी परदे के चुन्नट में और कभी सोनजुही की पत्तियों में छिप जाता था। जब बाहर की गिलहरियाँ उसे चिक-चिक करके बुलाती थी, तब लेखिका के द्वारा उसे मुक्त करने पर वह चार बजे तक गिलहरियों के साथ खेलकर वापस लौटता था। उसका प्रिय खाद्य काजू न मिलने पर दूसरी खाने की चीजों को झूले के नीचे फेंक देता था।

4.   गिल्लू के प्रति महादेवी वर्मा जी की ममता का वर्णन कीजिए ।
उत्तर : महादेवी वर्मा जी ने गिलहरी के बच्चे के घावों पर पेन्सिलिन का मरहम लगाकर उसका प्राण बचाया। रहने के लिए झूला लगाकर उसे गिल्लू नाम के साथ सम्मानित किया। गिल्लू को खाने के लिए काजू तथा बिस्कुट दिया, थाली में से एक-एक चावल उठाकर खाने को सिखाया। अन्य गिलहरियों के साथ उछल-कूद करने के लिए अवसर दिया। गिल्लू के अंतिम दिनों में उसे बचाने की पूरी कोशीश भी की और उसकी मृत्यु के बाद समाधि भी बनायी गयी। इस प्रकार महादेवी वर्मा जी ने गिल्लू के प्रति अपनी ममता को दर्शाया है।

5. लेखिका के प्रति गिल्लू अपनी भावना कैसे प्रकट करता था ? APRIL 20019   

ü  लेखिका जब अस्पताल में थीं, तब गिल्लू उदास रहता था,

ü  अपना प्रिय खाद्य काजू बहुत कम खाता था ।

ü  लेखिका की अस्वस्थता में उनके तकिए के सिरहाने बैठकर अपने नन्हें पंजों से उनके सिर और बाल सहलाता रहता था।

ü  इस प्रकार गिल्लू लेखिका के प्रति अपनी भावना प्रकट करता था।

06. गिल्लू के अंतिम दिनों का वर्णन कीजिए। APRIL-2020 Sept-2020         

ü  गिलहरियों के जीवन अवधि दो वर्ष से अधिक नही होती, अतः

ü  गिल्लू की जीवन यात्रा का अंत आ ही गया।

ü  दिन भर उसने न कुछ खाया, न वह बाहर गया।

ü  पंजे ठंडे हो रहे थे, लेखिका हीटर जलाकर उसे उष्णता देने का प्रयत्न किया।

ü  परन्तु प्रभात की प्रथम किरण के साथ ही वह चिर निद्रा में सो गया।

सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनायी गयी।

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